
समाज की बंदिशो से अपने बच्चे को निकालने का काम एक पिता ही कर सकता है। पिता अगर पास है तो किसी बच्चे को असुरक्षा नहीं होती है। पिता एक वट वृक्ष है जिसके पास खड़े होकर बड़ी से बड़ी परेशानी छोटी हो जाती है। वक्त आने पर वो दोस्त बन जाते है तभी तो हर लड़की अपने जीवन साथी में अपने पिता का अक्स खोजती है।
जिस तरह उसके पिता उसके पास जब होते हैं तो उसे भरोसा होता है कि कोई भी नापाक इरादे उसे छू नहीं सकते हैं। उसे अपनी सुरक्षा और ना टूटने वाले भरोसे पर गर्व होता है इसलिए वो जब भी अपने साथी के बारे में सोचती है तो उसकी कल्पनाओं में उसके पिता जैसी ही कोई छवि विद्दमान होती है।
जबकि हर बेटे की ख्वाहिश होती है कि वो ऐसा कुछ करे जिससे उसके पिता का सीना चौड़ा हो जाये। उनकी मुस्कुराहट और आंखो की चमक सिर्फ और सिर्फ अपने पिता के लिए होती है। उसकी पहली कामयाबी तब तक अधूरी होती है जब तक उसके पिता आकर उसकी पीठ नहीं थपथपाते हैं।
अक्सर बाप-बेटे एक -दूसरे से भावनाओं का आदान-प्रदान नहीं करते हैं लेकिन सबको पता है कि दोनों ही के दिल में प्रेम का अनुपम समंदर विद्दमान होता है। कभी उस पिता की आंखो में झांकने की कोशिश कीजिये जब उसका बेटा उसके सामने अपनी पहली कमाई लेकर आता है। इसलिए तो कहते है कि पिता का कर्ज आप तब ही चुका सकते है जब आप अपने जैसे ही किसी नन्हे प्राणि को धरती पर लाते हैं।
इसलिए तो कवि गिरिराज जोशी ने कहा है..
पापा!
मुझे लगता था,
'मां' ने मुझे आपार स्नेह दिया,
आपने कुछ भी नहीं,
आप मुझसे प्यार नहीं करते थे।
मगर पापा!
आज जब जीवन की,
हर छोटी-बड़ी बाधाओं को,
आपके 'वे लम्बे-लम्बे भाषण' हल कर देते है,
मैं प्यार की गहराई जान जाता हूँ....
तो चलिए देर किस बात की है ..जाइये अपने पिता के पास और पैर छूकर अपने आप को धन्य कीजिये और जीवन की सच्चाई से रूबरू कराने के लिए उन्हें तहे दिल से धन्यवाद दीजिये। हैप्पी फादर्स डे....
Good One....
ReplyDeletelikhne lage ho aap....
काश! यह सब संतान समझ जाये , ,फादर डे पर शुभकामनायें
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट,आभार.
ReplyDeleteIf mother is a green land where we can ran, play, rest & lot more.. then father is a mile stone, always stand beside and given the right direction to get the "Manzil".
ReplyDeleteVery Nice.... God Bless You