Wednesday, December 28, 2011
मैं हूं, मैं हूं, भ्रष्टाचार
मैं हूं, मैं हूं, भ्रष्टाचार
करता लोगों का जीना हराम
चले हैं अन्ना मुझे भगाने
लोकपाल का डंडा दिखाने
तीसरी बार किया है अनशन
फिर भी नहीं हो पाया मंथन
चलें हैं इस बार जेल भरने
सोनिया के घर धरना देने
है तो बड़ा यह मुश्किल काम
देखते हैं क्या होगा अंजाम?
संसद में भी जंग है जारी
लोकपाल को लाने की तैयारी
सुषमा कहतीं बुरी सरकार
मजबूर,बेबस और लाचार
पीएम साहब बड़े ईमानदार
अर्धशास्त्र का रखते ज्ञान
पर ठहरे सोनिया के दुलारे
फिरते रहते मारे-मारे
देश हो गया है कंगाल
महंगाई ने ले ली जान
सिसक रहा हर इंसान
फिर भी अंधी है सरकार
तभी खड़े हुए लालू साहब
आरक्षण की छेड़ी तान
दिया लोगों को बुद्धि ज्ञान
चिल्लाकर बोले, स्पीकर साहिबा
बंद करो यह तकरार
नहीं बनेगा लोकपाल
दिल में आया मेरे ख्याल
भारत तो है मेरी जान
नहीं छोड़ूंगा इसका साथ
मैं हूं,मैं हूं..भ्रष्टाचार...
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